भारत में टीकाकरण: आसान शब्दों में जानकारी (HPV वैक्सीन सहित)

भारत में टीकाकरण: आसान शब्दों में जानकारी (HPV वैक्सीन सहित)

टीकाकरण, जिसे वैक्सीनेशन भी कहते हैं, बीमारियों से बचने का एक सरल, सुरक्षित और बहुत ही असरदार तरीका है। ये हमारे शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है। भारत में टीकाकरण बहुत समय से चला आ रहा है, और इसने बहुत सफलता पाई है। भारत दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक चलाता है, जो लाखों बच्चों और बड़ों को खतरनाक बीमारियों से बचाता है। इस ब्लॉग में, हम भारत में टीकाकरण क्यों जरूरी है, कौन-कौन से टीके मिलते हैं, टीकाकरण कार्यक्रम और इससे जुड़ी मुश्किलों के बारे में जानेंगे। हम खासकर ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) वैक्सीन के बारे में भी जानकारी देंगे।

हमारे देश में टीकाकरण की परंपरा बहुत पुरानी है।

पुराने समय में, चेचक जैसी बीमारियों के टीके लगाए जाते थे।

आधुनिक टीकाकरण की शुरुआत 18वीं सदी में हुई, जब एडवर्ड जेनर ने चेचक के टीके की खोज की।

आजादी के बाद, भारत सरकार ने टीकाकरण को बहुत जरूरी समझा।

राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत, कई बीमारियों के मुफ्त टीके लगाए जाते हैं।

इस कार्यक्रम से, भारत ने पोलियो, चेचक और खसरा जैसी बीमारियों पर काफी हद तक काबू पा लिया है।

भारत में कई तरह के टीके मिलते हैं, जो अलग-अलग बीमारियों से बचाते हैं।

इन्हें मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है: बच्चों के टीके और बड़ों के टीके।

बच्चों के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता अभी विकसित हो रही होती है और वे बीमारियों से जल्दी संक्रमित हो सकते हैं। भारत सरकार अपने राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए मुफ्त टीके देती है। कुछ मुख्य टीके ये हैं:

  • पोलियो वैक्सीन: पोलियो एक खतरनाक बीमारी है जो बच्चों को अपंग बना सकती है। भारत में पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम से, ये बीमारी लगभग खत्म हो गई है।
  • खसरा वैक्सीन: खसरा एक संक्रामक बीमारी है जो बच्चों में बुखार, दाने और खांसी करती है। ये वैक्सीन बच्चों को इस बीमारी से बचाती है।
  • डीपीटी वैक्सीन: ये वैक्सीन डिप्थीरिया, काली खांसी और टेटनस से बचाने के लिए लगाई जाती है।
  • हेपेटाइटिस बी वैक्सीन: हेपेटाइटिस बी एक लिवर की बीमारी है जो बच्चों और बड़ों दोनों को हो सकती है। ये वैक्सीन इससे बचाती है।
  • एचआईवी वैक्सीन: ये वैक्सीन बच्चों को एक खास बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों से बचाती है।
  • रोटावायरस वैक्सीन: रोटावायरस बच्चों में डायरिया का एक बड़ा कारण है। ये वैक्सीन इससे बचाती है।
  • न्यूमोकोकल वैक्सीन: ये वैक्सीन बच्चों को निमोनिया और दूसरी न्यूमोकोकल बीमारियों से बचाती है।
  • एमएमआर वैक्सीन: ये वैक्सीन mumps, measles और rubella से बचाने में मदद करती है।

बड़ों को भी कुछ बीमारियों से बचाने के लिए टीकों की जरूरत होती है। कुछ मुख्य टीके ये हैं:

  • फ्लू वैक्सीन: फ्लू एक संक्रामक बीमारी है जो हर साल लाखों लोगों को होती है। ये वैक्सीन इससे बचाती है।
  • न्यूमोकोकल वैक्सीन: बड़ों को भी निमोनिया और दूसरी न्यूमोकोकल बीमारियों से बचाने के लिए ये वैक्सीन लगाई जाती है।
  • हेपेटाइटिस ए वैक्सीन: हेपेटाइटिस ए एक लिवर की बीमारी है जो गंदे खाने और पानी से फैलती है। ये वैक्सीन इससे बचाती है।
  • टाइफाइड वैक्सीन: टाइफाइड एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है जो गंदे खाने और पानी से फैलता है। ये वैक्सीन इससे बचाती है।
  • कोविड-19 वैक्सीन: कोविड-19 एक महामारी है, और इससे बचने के लिए कई वैक्सीन उपलब्ध हैं। भारत में भी कई कोविड-19 वैक्सीन बन रही हैं और लगाई जा रही हैं।
  • एचपीवी वैक्सीन (HPV Vaccine): एचपीवी वैक्सीन ह्यूमन पैपिलोमावायरस से बचाता है। यह वायरस सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर), कुछ अन्य प्रकार के कैंसर और जननांग मस्सों का कारण बन सकता है। यह वैक्सीन लड़कियों और महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, लेकिन कुछ देशों में लड़कों के लिए भी इसकी सिफारिश की जाती है। डॉक्टर की सलाह से सही उम्र में एचपीवी वैक्सीन लगवाना जरूरी है।
video credit goes to youtube channel Drishti IAS. Human Papillomavirus Vaccine : Daily Current News | Drishti IAS https://youtu.be/yvm8Qdz7wVw?si=nIHeSj2jdl303Pdw

टीकाकरण के बहुत फायदे हैं, जैसे:

  • बीमारियों से सुरक्षा: टीकाकरण हमें कई खतरनाक बीमारियों से बचाता है।
  • बीमारियों को फैलने से रोकना: टीकाकरण बीमारियों को फैलने से रोकने में मदद करता है, जिससे समाज को फायदा होता है।
  • मृत्यु दर में कमी: टीकाकरण ने कई बीमारियों से होने वाली मौतों को कम करने में बड़ी भूमिका निभाई है।
  • स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ कम करना: टीकाकरण बीमारियों को रोकने में मदद करता है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ कम होता है।

भारत सरकार कई टीकाकरण कार्यक्रम चलाती है, जैसे:

  • राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम: ये कार्यक्रम बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मुफ्त टीके लगाता है।
  • मिशन इन्द्रधनुष: इस मिशन का मकसद टीकाकरण को और बढ़ाना है।
  • जागरूकता अभियान: कई गैर-सरकारी संगठन और स्वास्थ्य संगठन एचपीवी टीकाकरण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चला रहे हैं। इन अभियानों में एचपीवी संक्रमण के खतरे और टीकाकरण के महत्व के बारे में जानकारी दी जाती है।
  • स्कूल-आधारित टीकाकरण कार्यक्रम: कुछ राज्यों में स्कूल-आधारित टीकाकरण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनमें लड़कियों को स्कूल में ही एचपीवी वैक्सीन दी जाती है।
  • कोविड-19 टीकाकरण अभियान: ये अभियान कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए चलाया जा रहा है।

भारत में टीकाकरण कार्यक्रमों के सामने कई मुश्किलें हैं, जैसे:

  • टीकाकरण कवरेज में फर्क: कुछ जगहों पर टीकाकरण कम होता है, जिससे उन जगहों पर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
  • टीकाकरण के बारे में गलत बातें: टीकाकरण के बारे में कई गलत बातें फैली हुई हैं, जो टीकाकरण कार्यक्रमों को प्रभावित करती हैं।
  • टीकों की उपलब्धता: कुछ टीकों की उपलब्धता कम है, जिससे टीकाकरण कार्यक्रम प्रभावित होते हैं।
  • जागरूकता की कमी: कई क्षेत्रों में टीकाकरण के महत्व के बारे में पर्याप्त जागरूकता नहीं है, जिसके कारण लोग टीकाकरण कराने से हिचकिचाते हैं।

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